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कुतिया माता मंदिर: आश्चर्यजनक है इसका इतिहास





मुम्बई  भारत जितना रहस्य्मयी है, उतना ही अजीबोगरीब भी  हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार यहाँ ८४ करोड़ देवी देवता होते हैं।  यह भी मान्यता है की यहाँ कण-कण में भगवान विराजमान हैं. हिन्दू धर्म में हर जीवित प्राणी और पशु पक्षियों को भगवान् से जोड़ दिया जाता है लेकिन क्या आपने कभी कुतिया देवी के बारे में सुना है ? नहीं सुना तो आज हम आपको बताएंगे कुतिया माता के बारे में। जहां लोग कुतिया माता को एक देवी के रूप में मानते हैं। और सबसे बड़ी बात की कुतिया माता अपने भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं। 
 
उत्तर प्रदेश में एक जिला है झाँसी, उस जिले की मऊरानी तहसील के अंतर्गत एक गांव आता है, ककवारा. उस गांव में कुतिया माता का मंदिर है


क्या है इतिहास ?

वहाँ के लोगों का मानना है की दो गावों के बीच एक कुतिया ने भूख से अपना दम तोड़ दिया था । तो गांव वालों ने उस कुतिया को वही दफना दिया। कुछ दिन बाद  जहां कुतिया को दफनाया गया था वहाँ गांव वालों को एक अजीबोगरीब पत्थर मिलता है। लोगों ने उस पत्थर को एक कुतिया का आकार देकर वही एक छोटी सी मंदिर बना कर स्थापित कर दिया। धीरे-धीरे लोगों ने उस मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दिया, मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्द हो गया।  अब तो दूर-दराज के इलाकों से लोग अपनी मनोकामना लेकर कुतिया माता के पास आते हैं, और बहुत से लोगों ने तो यहाँ तक बताया कि कुतिया माता ने उनकी मनोकामनाओं को पूरा भी किया है 



क्या यह एक अंधविश्वास है ?

 किसी का विश्वास किसी के लिए अंध विश्वास हो सकता है । ऐसे ही बहुत सी चीज़ें इस देश में है, जो अंधविश्वास की श्रेणी में आती हैं, लेकिन जो विश्वास करता है उसके लिए तो वो विश्वास ही है।  हमारा काम अन्धविश्वास और विश्वास में अंतर बताना नहीं है, हमने तो बस आपको बता दिया की देश में एक कुतिया माता का भी मंदिर।  

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